



श्री राम कथा के चौथे दिन कोसलाधीश के जन्मोत्सव की छटा ने मोहा सबका मन… झूम उठे श्रद्धालु… राम लला को लगा 5100 लड्डुओं का भोग

लखीमपुर खीरी: शहर की हरिनाम वाटिका में चल रही श्रीराम कथा में कथा व्यास रमेश भाई शुक्ल ने तीसरे दिन की कथा से आगे बढ़ते हुए चौथे दिन भगवान शिव के विवाह की कथा का सार बताते हुए, भगवान भोलेनाथ की बारात का वर्णन किया। उनका सिंगार कितना दिव्य था। कथा व्यास ने बताया कि भगवान शिव के गण उनका सिंगार कर रहे हैं। सांपों का मौर पहनाया जा रहा है।
सिंवहिं संभु गन करहिं सिंगारा, जटा मुकुट अहि मौर संवारा।
वहीं कथा व्यास रमेश भाई शुक्ल ने राजा प्रताप भानु को भगवान का आशीर्वाद और राजा दशरथ के विवाह के साथ साथ भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव की कथा सुनाते हुए भगवान के जन्म लेने का कारण भी बताया। राम परिवार मित्र मंडली के कोर टीम के सदस्य और प्रवक्ता युवराज शेखर ने बताया कि रघुनाथ के जन्म के वक्त हरनाम वाटिका में मौजूद हर भक्त पूरी तरह भाव विहवल होकर देख रहा था। ह्रदय में अपने आराध्य की तस्वीर लिए मानो हर कोई अयोध्या की पावन भूमि पर अपने कदम पा रहा था। रामलला के जन्म के वक्त जहां एक तरफ 5100 लड्डुओं का भोग लग रहा था, वहीं दूसरी तरफ भक्त राम भक्ति में खोए, झूमते, थिरकते दिखाई दे रहे थे।
कथा व्यास रमेश भाई शुक्ल ने राम कथा में वर्णन करते हुए बताया कि भगवान जब अवतार लेते हैं, तो उसके पीछे कोई न कोई कारण होता है। लेकिन भगवान के जन्म लेने के पीछे कौन सा कारण है। ये पूरी तरह नहीं कहा जा सकता कि यही कारण है।
हरि अवतार हेतु जेहि होई, इदमित्थं कहि जात न सोई।
इसलिए भगवान के जन्म के कारण अनेक, और एक से बढ़कर एक तथा परम विचित्र हैं।
राम जनम के हेतु अनेका, परम बिचित्र एक ते एका।
कथा व्यास रमेश भाई शुक्ल ने भगवान के जन्म का वर्णन करते हुए कहा कि-
विप्र, धेनु, सुर, संत हित, लीन्ह मनुज अवतार
रमेश भाई ने बताया कि ब्राह्मण, गाय, संत जब-जब सताए जाते हैं, प्रताड़ित होते हैं, तो उनकी रक्षा के लिए भगवान को विभिन्न रूप धरकर पृथ्वी पर आना पड़ता है। हम सब भगवान राम को मानने के साथ साथ उनके पद चिन्हों पर भी चलें, कोई बड़ा नहीं, कोई छोटा नही, सभी हिंदुओ को गले लगाओ। कोई भूखा न रहे। यही हिंदू राष्ट्र की अवधारणा है।
कथा व्यास रमेश भाई शुक्ल ने कहा जिस दिन सभी लोग घरों में पूजा करने लगेंगे, दैनिक हवन करेंगे, बच्चे मंदिर जाने लग जाएंगे, उसी दिन राम राज्य आ जाएगा। इस दौरान निर्मल शास्त्री ने और ज्ञानस्वरूप शुक्ला ने आगंतुकों को श्रीरामचरित मानस भेंट की। अयोध्या से पधारे अखिल भारतीय श्री राम नाम जागरण मंच के संयोजक निर्मल शास्त्री ने सभी से प्रत्येक दिन श्रीराम चरित मानस की कम से कम पांच चौपाईयां पढ़ने का आग्रह किया। प्रातः काल वेदी पूजन के साथ आचार्य संजय मिश्रा, आलोक शुक्ला आदि लोगो ने रुद्राअभिषेक किया। इसके बाद हवन पूजन किया गया। श्री राम कथा में भगवान श्रीराम के साथ चारों भाइयों की जन्म कथा व बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कथा व्यास ने बताया कालिकाल में राम नाम जप ही व्यक्ति को भवसागर पार कराता है।
कलियुग केवल नाम अधारा, सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा
रविवार की कथा आराध्य प्रभु रघुनाथ के जन्म उत्सव की तैयारियां देखने लायक थी, जिसमें भगवान के जन्मोत्सव के वक्त पूरा पंडाल भाव विभोर होकर झूम रहा था। दूसरी ओर 5100 लड्डूओं से प्रभु श्रीराम का भोग लगाया गया।
इस अवसर पर प्रभु श्रीराम की आरती करने वालो में प्रमुख रूप से ज्ञान स्वरूप शुक्ला, आचार्य संजय मिश्र, राम पाण्डेय, सूर्य मणि मिश्र, विधायक योगेश वर्मा, राजू अग्रवाल, प्रमोद अग्रवाल शामिल हुए।
इसके अलावा रवी गर्ग, कन्हैया धवन, अजय भल्ला, भगवती अग्रवाल विनोद चोपड़ा, धर्म चंद जैन, संजय अग्रवाल आशीष अग्रवाल, गोपी गुप्ता, संदीप मिश्रा, युवराज शेखर, देवव्रत पांडेय, निजम शुक्ला, डॉ. डी एन मालपानी, शिवकांत मिश्रा और कपिल श्रीवास्तव शामिल हुए।
जबकि महिला टीम से श्वेता अग्रवाल, रति शेखर, रूपाली शेखर, अनीता शेखर, संगीता शेखर रितु अग्रवाल, अंजीता गर्ग, ऋचा अग्रवाल, रीना शर्मा, आरती अग्रवाल, संगीता अग्रवाल, रश्मि महिंद्रा, कविता शेखर, गरिमा पोद्दार, चंचल अग्रवाल, गुंजन अग्रवाल ,मधु अग्रवाल, लता अग्रवाल, निधि अग्रवाल, नीरज मिश्रा, दिव्या शर्मा और उमा पोद्दार आदि शामिल रहे।