होम

Search
Close this search box.
Search
Close this search box.
Breaking News

जरूरी जानकारी: आई फ्लू से डरें नहीं, रखें सावधानी… लखीमपुर-खीरी CMO ने दी अहम जानकारियां

ख़बर सुनने के लिए नीचे दिया प्ले बटन पर क्लिक करें:

आई फ्लू से डरने की कोई जरूरत नहीं है… बल्कि सावधानी रखें और सही उपचार लें

लखीमपुर खीरी: आई फ्लू (कंजंक्टिवाइटिस) के विषय में स्वास्थ्य विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। लोगों से इस विषय में जानकारी रखने की अपील की गई है और बिना डरे समय पर उपचार कराने को कहा गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि क्या करें और क्या ना करें और किस तरह से इसका उपचार संभव है।

इस विषय में जानकारी देते हुए सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता ने बताया कि कंजंक्टिवाइटिस अथवा आई फ्लू आँखों को प्रभावित करने वाला एक जीवाणु अथवा विषाणु जनित संक्रमण है। जिसे रेड आई अथवा पिंक आई के नाम से भी पुकारा जाता है, क्योंकि इस स्थिति में आँखों का रंग लाल अथवा गुलाबी हो जाता है। वर्तमान परिस्थितियों में बाढ़ तथा जलवायु परिवर्तन के कारण आई फ्लू के मामले अधिक संख्या में सामने आ रहे हैं। कंजक्टिवाइटिस का रोग 3-4 दिन तक प्रभावित कर सकता है।

सीएमओ ने इसके लक्षण बताते हुए कहा कि कंजक्टिवाइटिस के लक्षण आँखों के सफेद भाग का गुलाबी अथवा लाल हो जाना, आंखो में दर्द के साथ स्राव (मवाद आना), रुक-रुक कर सिरदर्द होना, आंखो में खुजली, आंखों की पलकों अथवा भौहों के ऊपर पपड़ी का बनना (crusting ) अथवा आँखों की पलकों का चिपकना, पलकों के किनारों में सूजन आना शामिल है। बच्चो में आँखों से संबंधित लक्षणों के साथ बुखार का लक्षण भी प्रकट हो सकता है

क्या करें (DO’S)

  • हाथों को बार-बार साबुन तथा साफ पानी से धोएं
  • अपनी आंखो तथा चेहरे को साफ करने हेतु स्वच्छ टिशू पेपर अथवा तौलिये का प्रयोग करें
  • प्रयोग के उपरान्त उनका उचित प्रकार से निस्तारण करें
  • संक्रमित आंख को छूने के बाद हाथों को अच्छी तरीके से साफ करना सुनिश्चित करें
  • आँखों को साफ करने के लिए प्रयोग की गई सामग्री को प्रयोग के बाद उचित प्रकार से निस्तारित करें
  • नियमित रूप से प्रयोग किए जाने वाले चश्मे को भली भांति साफ करें
  • संक्रमण के प्रसार को रोकने हेतु (यदि उपलब्ध हों तो) सनग्लासेज (गहरे रंग के चश्मे का प्रयोग करें, पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का प्रयोग करें।
  • यदि आंखो में लालिमा है अथवा आँखों से पास किसी प्रकार का स्राव (Discharge) हो रहा है, तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें। पर्याप्त अवधि तक आराम करें
क्या ना करें (Don’ts)

  • आंखो को बार-बार ना छुए
  • सूरज की सीधी धूप तथा धूल-मिट्टी इत्यादि से दूर रहें
  • घरेलू नुस्खों अथवा अप्रशिक्षित डॉक्टर की सलाह का प्रयोग ना करें
  • संक्रमित व्यक्ति द्वारा प्रयोग किए जा रहे आई-ड्रॉप, टिशू पेपर, आंखो के मेकअप की सामग्री, तौलिए, तकिए के कवर इत्यादि का प्रयोग ना करें
  • स्विमिंग पूल, तालाब इत्यादि का प्रयोग ना करें
  • आंखो की देखभाल में प्रयोग होने वाली किसी व्यक्तिगत सामग्री को अन्य व्यक्तियों के साथ साझा न करें
  • यदि आप कॉन्टैक्ट लेंसेस का प्रयोग करते हैं, तो संक्रमण की अवधि तक इनका प्रयोग रोक दें तथा डॉक्टर की सलाह के उपरांत ही कॉन्टैक्ट लेंसेज का पुनः प्रयोग करना आरंभ करें
  • चिकित्सक की सलाह के बिना किसी प्रकार की आई ड्रॉप्स अथवा औषधि का प्रयोग ना करें
  • भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से यथासंभव बचें
नेत्र फ्लू कंजंक्टिवाइटिस का उपचार

  • आंखो को साफ करने हेतु आई वाइप्स का प्रयोग करें
  • आँखों को बार बार न छुएं और आँखों को रगड़ें नहीं
  • नजदीकी सरकारी चिकित्सालय में चिकित्सक की सलाह के अनुसार उपचार करें
  • चिकित्सक द्वारा बताई गई पूर्ण अवधि हेतु आई ड्राप्स तथा औषधि का प्रयोग करें
  • यथासंभव स्वयं को आइसोलेशन में रखें तथा भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें
  • दृष्टि के धुंधला होने (Blurred vision) की स्थिति में तत्काल नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि सावधानी ही बचाव है। देश में तेज़ी से फैलते आई फ्लू को रोकने की सरकारी स्तर पर हर कोशिश की जा रही है, लेकिन आम लोगों का इस बीमारी के प्रति सचेत होना और जागरुक होना बहुत जरूरी है।

ये भी पढ़ें...